नींद ना आने की स्थिति में एक चित्र और देखिये
नींद न आने की स्थिति में लिखी कविता –चार
नींद आखिर
उड़कर कहाँ जाती होगी
शहर बीच खड़ी अट्टालिकाओं में
या बाहरी सीमा पर बसी
गन्दी बस्तियों में
सहमी खड़ी रहती होगी चुपचाप
बेटी के ब्याह की फिक़्र में जागते
बूढ़े बाप की देहरी पर
कोशिश करती होगी
बेटी के बिछौने पर जाने की
जो जाग रही होगी
बाप की छाती पर ।
शरद
कोकास
"सहमी खड़ी रहती होगी चुपचाप
जवाब देंहटाएंबेटी के ब्याह की फिक़्र में जागते
बूढ़े बाप की देहरी पर"
बहुत मार्मिक...!
धन्यवाद मीनाक्षी जी ।
हटाएंजो जाग रही होगी
जवाब देंहटाएंबाप की छाती पर ।
बहुत ही गहन एवं भावमय करते शब्द
धन्यवाद सदा जी
हटाएंऔर फिर यह शायद नींद न आने की वज़ह भी है
जवाब देंहटाएंहाँ यह तो है वर्मा जी
हटाएंनींद न आने में न जाने कितनी चिन्तायें होती हैं...
जवाब देंहटाएंapka nind n aana to vardan ban gaya.....itni sunder kavitayen jo ban gayeen.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना,शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंमिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में
जहाँ रचा कालिदास ने महाकाव्य मेघदूत।
नींद क्यू रातभर नही आती ? चिन्ताओं ने घेरा हो या खुशीने, दिमाग में कोलाहल हो तो नींद कहां । सुंदर प्रस्तुति ।
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