इस बार की थीम - भारतीय कवयित्रियों की अंग्रेजी कविताओं के हिंदी अनुवाद
सिद्धेश्वर सिंह और शरद कोकास काम में व्यस्त |
कल दिनांक ४ अप्रेल से चैत्र का नवरात्र प्रारंभ हो रहा है . पिछले नवरात्र के समय श्री सिद्धेश्वर सिंह जी ने और मैंने मिलकर यह तय किया था की इस नवरात्र में भारतीय कवयित्रियों की अंग्रेजी कविताओं के हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किये जायेंगे .
समय इतनी तेज़ गति से बीता की पता ही नहीं चला . मेरी भी व्यस्तताएं रहीं . अपनी लम्बी कविता ' पुरातत्ववेत्ता ' पर डॉ . विजया के लिखे समीक्षा ग्रन्थ के विमोचन में मुंबई का दौरा , फिर कविता संग्रह की तैयारी . फिर कुछ यहाँ वहां के काम .
आज सिद्धेश्वर जी को फोन किया तो उन्होंने कहा .. शरद भाई देर तो हो गई लेकिन कोशिश करता हूं.. और उन्होंने दोपहर तक तीन कवयित्रियों की कविताये भेज भी दी .
मुझे तो लगा रहा था ..अपने आलस्य और गैरजिम्मेदारी के चलते इस बार यह क्रम टूट जाएगा . सिद्धेश्वर जी से मैंने अपना यह भय प्रकट किया तो उन्होंने कहा ..." नहीं शरद भाई , कविताएं तो पोस्ट होंगी ही , इसलिए की ब्लॉग जगत में अब अच्छी कविता के पाठको की संख्या में वृद्धि हुई है . बहरहाल सिद्धेश्वर जी ने भरोसा दिलाया है तो यह हिम्मत कर पा रहा हूँ . देखिये नौ दिन तक नौ कवितायें दे पाते है या नहीं .
कुछ मदद की गुजारिश आप लोगों से भी है , यदि आपको कहीं भारतीय भाषा की कवयित्रियों की अंग्रेजी कविताओं के अनुवाद मिले तो मुझे मेल करे .
तो चलिए कल मिलते है .. रानी जयचंद्रन की एक बेहद ख़ूबसूरत कविता के साथ .
इस नवरात्रि कविता उत्सव की जानकारी . मेल से , फोन से , एस एम एस से अपने मित्रों को भी दें .
आपका - शरद कोकास