एकांत श्रीवास्तव |
मेरे कवि मित्र एकांत श्रीवास्तव ने जब पहली बार यह कविता सुनी थी तो उन्हे यह कविता बहुत पसन्द आई थी .. सो यह कविता एकांत के लिये , और आप सभी के लिये ..जो जीवन की राहों पर चल रहे हैं और सामना कर रहे हैं हर आने वाले मोड़ का ..
मोड़
मोड़ बहुत हैं
जीवन की राह पर
अनदेखे अनचीन्हे मोड़
सपाट रास्तों से उपजी
मोड़ पर साफ दिखाई देता है
तय किया रास्ता
आनेवाला दृश्य
मोड़ पर बदल जाती है
हवा की दिशा
बदल जाता है
धूप का पहलू
बारिश का कोण
कभी अचानक आते हैं मोड़
कभी मिल जाता आभास
कभी कोई दिशा संकेत
सावधान करते हैं मोड़
मोड़ पर अक्सर ठिठक जाते लोग
टूट जाती लय
रुकने की सम्भावना होती मोड़ पर
टकरा जाने की भी
थक जाने की सम्भावना होती है
भटक जाने की
एक नये रास्ते की सम्भावना भी
यहीं से शुरू होती है ।
- शरद कोकास
( चित्र गूगल से साभार )
kavita vakaee bahut achhee hai
जवाब देंहटाएंbahut dino bad koi ek achhi kavita padhi
जवाब देंहटाएंहर शय में इक दर्शन छुपा है
जवाब देंहटाएंकहीं मोड़ कहीं अंधेरी गुफा है।
कविता वाकई में ही सुंदर है. एकांत जी की तरह मैं भी फैन हो गयी.
जवाब देंहटाएंन जाने क्यों जब अधिक मोड़ आने लगे तो चुपचाप बैठ कर सुस्ताना अच्छा लगता है।
जवाब देंहटाएंbahut khoob.pasand to aani hi hai jab man se likhi gayee hai...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..।
जवाब देंहटाएंएक नये रास्ते की सम्भावना भी
जवाब देंहटाएंयहीं से शुरू होती है ।
सही कहा………जीवन दर्शन करा दिया।
शरद जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
एकांत जी को भी नमस्कार .
जो हमे इतनी सुंदर कविता पढने को मिली , शरद जी '' मोड़ वही ख़तम होता है जहा एक नया मोड़ आता है ''
बेहद सुंदर ,
साधुवाद !
एकांत के लिए समर्पित कविता एकांत में ही पढ़ी :)
जवाब देंहटाएंकविता हमें भी पसंद आई !
:)
जवाब देंहटाएंbeautiful..!
बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएं`यह कविता एकांत के लिये ,....'
जवाब देंहटाएंतो हम एकांत में पढेंगे :)
सघन...वैचारिक...।
जवाब देंहटाएंएक नये रास्ते की सम्भावना भी
जवाब देंहटाएंयहीं से शुरू होती है ।
कविता का शिल्प और कथ्य दोनों अनूठे हैं।
अध्भुत शिल्प और कथ्य के साथ कविता परोसने हेतु....आप सभी का आभार
जवाब देंहटाएंएक नये रास्ते की सम्भावना भी
जवाब देंहटाएंयहीं से शुरू होती है ।
सचमुच.......
बहुत अच्छी लगी कविता शरद जी. धन्यवाद !
मोड़ पर अक्सर ठिठक जाते लोग
जवाब देंहटाएंगति हो जाती कम
टूट जाती लय
रुकने की सम्भावना होती मोड़ पर
टकरा जाने की भी
थक जाने की सम्भावना होती है
भटक जाने की
एक नये रास्ते की सम्भावना भी
यहीं से शुरू होती है ।
wakai kavita bahut achchhi hai
वाह..क्या मोड है... बहुत अच्छी कविता...
जवाब देंहटाएंकविता सचमुच पसंद आने वाली हैं…
जवाब देंहटाएं'मोड' ने हमेशा मुझे जिज्ञासु रखा है, व्यक्ति के लिये मोड उसका परिवर्तन होता है..नई दिशा..। इस कविता में भी यही है और मोड का अपनेआप में बना एक रहस्य भी उगलती है..। सबकुछ तो बदलता है..
जवाब देंहटाएंमोड़ पर कुछः नया और बेहतर होने की अनेकों संभावनाएं जगा दी हैं कविता ने...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंउत्तम ... उत्तम !!
जवाब देंहटाएंबेजोड़ !!!
गहन अर्थों को समेटती एक खूबसूरत और भाव प्रवण रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंआपको वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!
सादर,
डोरोथी.
एक नये रास्ते की सम्भावना भी
जवाब देंहटाएंयहीं से शुरू होती है
kitni achchi baat likhe hain....
aise hi ek mod se gujar raha hoon.
जवाब देंहटाएंसत्य कहा...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण बहुत ही सुन्दर कविता...
आनंद आया पढ़कर...
आभार..