बचपन के बारे में जब भी सोचता हूँ तो याद आता है कि हम बचपन में ही अपने होने की कल्पना कर लिया करते हैं । हर एक बच्चा अपने ताकतवर होने की कल्पना तो करता है लेकिन किसी राक्षस की तरह नहीं । राक्षस यहाँ एक बिम्ब है ।
52 बचपन
बच्चों की दुनिया में शामिल हैं
आकाश में
पतंग की तरह उड़ती उमंगें
गर्म लिहाफ में दुबकी
परी की कहानियाँ
लट्टू की तरह
फिरकियाँ लेता उत्साह
वह अपनी कल्पना में
कभी होता है
परीलोक का राजकुमार
शेर के दाँत गिनने वाला
नन्हा बालक भरत
या उसे मज़ा चखाने वाला खरगोश
लेकिन कभी भी
वह अपने सपनों में
राक्षस नहीं होता ।
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शरद कोकास
लेकिन कभी भी
जवाब देंहटाएंवह अपने सपनों में
राक्षस नहीं होता.... ekdam sahi......
लेकिन कभी भी
जवाब देंहटाएंवह अपने सपनों में
राक्षस नहीं होता ।
लेकिन पता नहीं कैसे लोग राक्षस हो जाते हैं..... :(
kachchi umr me sab Nayak hee banana chahate hain khalnayak nahee.
जवाब देंहटाएंkachchi umr me sab Nayak hee banana chahate hain khalnayak nahee.
जवाब देंहटाएंअपने बचपन में राक्षस दिखा ही नहीं..
जवाब देंहटाएंबालमन की सोच और उड़ान बहुत ऊँची होती है .... बढ़िया रचना ...
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