अपनी युवावस्था में जगमोहन कोकास |
को उन्होंने इस संसार से विदा ली थी ।
जगमोहन कोकास का जन्म मध्यप्रदेश के बैतूल में हुआ था और वे
कवि भवानीप्रसाद मिश्र के शिष्य थे ।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने ओवरसीअर की नौकरी त्याग दी थी
और प्रायमरी स्कूल में शिक्षक की नौकरी से
शुरुआत कर अंत में बी एड कॉलेज में
प्राध्यापक बने।
उन्होंने इतिहास व हिन्दी में स्नातकोत्तर के अलावा एम एड और
प्रयाग से साहित्यरत्न भी
किया था ।
वे महाराष्ट्र के भंडारा शहर में रहे
और जीवन भर हिन्दी की सेवा करते रहे ।
यह उनके गुरू का आदेश था ।
आज प्रस्तुत है उनके द्वारा अनुवाद की गई वरवर राव की यह कविता ,
जो मुझे उनके पुराने कागज़ों में मिली ...
इसे पढ़ने के लिये इसे बड़ा करके देखें ...
पिता आज नहीं हैं लेकिन उनकी ढेर सारी तस्वीरेंऔर कुछ लेख मेरे पास हैं ।
इन्हें समय समय पर ब्लॉग पर देता रहूंगा ।
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आज हम लोग यानि मैं , मेरी छोटी बहन सीमा , पत्नी लता और बिटिया कोपल
यहाँ उन्हें याद कर रहे हैं ..
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ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें॥
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजली .
जवाब देंहटाएंहार्दिक श्रद्धांजलि साहित्यमना को।
जवाब देंहटाएंउनकी पसंद की अनुवादित रचना से उनकी सम्वेदंशेलाता महसूस की जा सकती है !
जवाब देंहटाएंहार्दिक श्रद्धांजलि !
babuji ko vinamr shraddhanjali !
जवाब देंहटाएंham ap sab ke dukh ko mahsoos kar sakte hain
.......................................
bahut badhiya kavita padhvai ap ne
dhanyavad
asha hai babu ji ke is khazane se hamen age bhi labh milta rahega
विनम्र श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंसच्ची श्रद्धांजलि यही है !
जवाब देंहटाएंविनम्र श्र्द्धान्जलि.
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंनमन
बाबूजी का इस कविता को चुनना उनकी कोमल भावनाओं को व्यक्त करता है। मैने आज मा बाबुजी की स्मृति मे नया ब्लॉग बनाया है।"शीला मोहन की सीमा" जिसका पता seemagondnale.blogspot.com
जवाब देंहटाएंwo yoon hi prerit karte rahen, yaad aate rahen..
जवाब देंहटाएंआपके पिताश्री की पुण्य तिथि पर उनको विनम्र श्रधांजलि ।
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक रचना प्रस्तुत की है ।
शुभकामनायें ।
हार्दिक श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि.उनके कृतित्व को हम यहाँ देखते रहें यही इच्छा है.
जवाब देंहटाएंआपके पिता जी की पुण्यतिथी पर उन्हें विनम्र श्रध्दांजली । उनकी कविता स्तब्ध कर गई ।
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक रचना, पिता जी की पुण्यतिथी पर विनम्र श्रद्धांजलि..
जवाब देंहटाएंआपको नवरात्रि और जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें..