मंगलवार, मार्च 01, 2011

कवियों की उम्र और मित्रता वर्षॉं मे नहीं नापी जाती - नरेश चन्द्रकर



 नरेश चन्द्रकर से मेरी मित्रता को अभी एक दशक भी पूरा नहीं हुआ है । लेकिन कवियों की मित्रता वर्षों में नापी नहीं जाती न ही इसे किसी कालखण्ड में बान्धा जा सकता है । नरेश का कविता संग्रह " बहुत नर्म चादर थी जल से बुनी " जब परिकल्पना प्रकाशन से प्रकाशित होने जा रहा था तो उसने कहा , " शरद यह कविता संग्रह तुम्हे समर्पित कर रहा हूँ । " मैं चौंका .. " यार अभी समर्पण करने लायक उम्र तक नहीं पहुँचा हूँ मैं । " नरेश ने एक कहकहा लगाया और कहा .पागल ...उम्र से नहीं काम से नापी जाती है कवियों की उम्र । तुम्हारी लम्बी कविता "पुरातत्ववेत्ता " तुम्हे लम्बी उम्र दे चुकी है । 
आज एक मार्च नरेश चन्द्रकर का जन्मदिन है । ढेर सारी बधाई और प्यार के साथ नरेश की यह कविता उनके इसी संग्रह से । 
 
 बातचीत



यह आयातीत चीज़ नहीं है

इसे किसी की मिल्कियत में शुमार न करें
इसके पेटेण्ट होने के खतरे भी नहीं हैं

इसे कौन चुरा ले जा सकता है सात समुन्दर पार
किसकी मजाल जो हमें बोलने से रोके
यह तो तिलिस्मी पुड़िया है
इसे खोलें



जज़्बातों की लगाम टूट जाएगी

इसमें जीने की हज़ार नेमतें मिलेंगी

राह न सूझती हों , तो सूझेंगी

हज़ार दुश्वारियाँ हों , सुलझेंगी


इसे छोटी बात न समझें


हमारे वक़्त को इतना ख़राब बताने वाले
ज्ञानरंजन जी व नरेश चन्द्रकर की बातचीत 
ख़ुद ख़ौफ़ज़दा हैं


हमारे मिलने - मिलाने को लेकर !!


- नरेश चन्द्रकर  


( सभी चित्र शरद कोकास के कैमरे से ) 

26 टिप्‍पणियां:

  1. जज़्बातों की लगाम टूट जाएगी

    इसमें जीने की हज़ार नेमतें मिलेंगी

    राह न सूझती हों , तो सूझेंगी

    हज़ार दुश्वारियाँ हों , सुलझेंगी


    इसे छोटी बात न सम
    हमारे वक़्त को इतना ख़राब बताने वाले
    ख़ुद ख़ौफ़ज़दा हैं
    bahut hi sundar aur saath hi dhero badhai saalgirah ki .

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  2. अच्छी कविता है। नरेश चन्द्रकर जी को जन्मदिन की शुभकामनायें। :)

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  3. संवाद के महत्व को समझाती अच्छी कविता। नरेश चन्द्रकर जी को जन्मदिन की शुभकामनायें।

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  4. नरेश चन्द्रकर जी को जन्मदिन की बधाई,,

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  5. सुन्दर कविता, जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ।

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  6. वाह क्या बात कह दी…………सही कहा कुछ चीजे हमारे अख्तियार मे होती हैं जिन्हे हम ही सार्थक कर सकते हैं……………बेहद उम्दा प्रस्तुति।जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ।

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  7. बहुत सुन्दर और प्रभावशाली रचना..जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  8. सुन्दर कविता । नरेश जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ।

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  9. राह न सूझती हों , तो सूझेंगी
    हज़ार दुश्वारियाँ हों , सुलझेंग...

    बेहतर कविता...

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  10. नरेश चन्द्र जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई। प्रेरक रचना के लिये आभार।

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  11. बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ...जन्‍मदिन की शुभकामनाएं ।

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  12. हमारे वक़्त को इतना ख़राब बताने वाले
    ख़ुद ख़ौफ़ज़दा हैं
    हमारे मिलने - मिलाने को लेकर !!

    बहुत ही बढ़िया कविता...
    नरेश जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

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  13. वाकई एक शानदार कविता है .....esp these line...

    हमारे वक़्त को इतना ख़राब बताने वाले
    ज्ञानरंजन जी व नरेश चन्द्रकर की बातचीत
    ख़ुद ख़ौफ़ज़दा हैं


    हमारे मिलने - मिलाने को लेकर !



    कवि को शुभकामनाएं

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  14. नरेश जी को जन्मदिन की बधाई और आपके नाम पुस्तक समर्पित होने की बधाई :)

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  15. बातचीत का इससे बढिया वर्णन हो ही नही सकता ।
    नरेश चंद्रकर जी से मिलवाने का आभार ।

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  16. * इसे छोटी बात न समझें*

    बड़ी कविता. नरेश चन्द्रकर को जन्मदिन की बधाई.

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  17. यह आयातीत चीज़ नहीं है

    इसे किसी की मिल्कियत में शुमार न करें
    इसके पेटेण्ट होने के खतरे भी नहीं हैं

    इसे कौन चुरा ले जा सकता है सात समुन्दर पार
    किसकी मजाल जो हमें बोलने से रोके
    यह तो तिलिस्मी पुड़िया है
    इसे खोलें

    बहुत बढिया .......

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  18. bahut sundar kavita .. dil me bas gayi , dher saari shbhkaamanaaye ..

    --------------

    मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
    आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
    """" इस कविता का लिंक है ::::
    http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
    विजय

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  19. आज पहली बार आपका ब्लॉग देखा , अच्छा लगा ।
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

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  20. होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना

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  21. शरद जी ! नरेश जी से मिलवाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !आपकी पुरातत्ववेत्ता कविता मै पढना चाहूंगी ! नरेश जी का यह संग्रह वास्तव में बहुत सुंदर है !' हँसी 'कविता आपकी कालजयी रचना है !अन्य कविताएँ दिल को छूने वाली हैं !ये कविता भी बहुत सुंदर है ! मै हृदय से आप दोनों का आभार व्यक्त करती हूँ !

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