tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post3678318328910819334..comments2023-10-29T18:17:34.870+05:30Comments on शको कोश : विवाह समारोहों में क्या कभी आपने इन्हे देखा है ?शरद कोकासhttp://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-30642696722526168742017-07-23T18:17:14.069+05:302017-07-23T18:17:14.069+05:30बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक रचना है, दिल कि गहराइ...बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक रचना है, दिल कि गहराइयों में उतरती हुईसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-54041741326043504132010-06-28T00:10:50.500+05:302010-06-28T00:10:50.500+05:30इसी तरह की एक कविता सालों पहले दादा ने भी लिखी थी ...इसी तरह की एक कविता सालों पहले दादा ने भी लिखी थी नाम था पोलकं । इस के माध्यम से उन्होने इसी तरह अधेड कुंवारियों की व्यथा को । आपकी ये मर्मस्पर्शी कविता उस कविता की याद दिला गई । पर ये बदलना होगा । शादी मात्र जीवन का उद्देश्य नही हो सकता और लडकियां ये साबित करने लगी हैं ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-71231975425791277162010-06-24T11:30:49.734+05:302010-06-24T11:30:49.734+05:30काफी मार्मिक है...
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'पाखी...काफी मार्मिक है...<br />_____________________<br />'पाखी की दुनिया' में 'पाखी का लैपटॉप' देखने जरुर आइयेगा.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-21352682670187446162010-06-23T15:39:20.521+05:302010-06-23T15:39:20.521+05:30बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-60415920384999231022010-06-23T00:42:04.629+05:302010-06-23T00:42:04.629+05:30बढती उम्र की अविवाहित लडकियों के मन की बात इससे अ...बढती उम्र की अविवाहित लडकियों के मन की बात इससे अधिक सटीक और नहीं हो सकती........संजय पाराशरhttps://www.blogger.com/profile/04828183013579900184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-35801807110553340692010-06-20T20:51:42.663+05:302010-06-20T20:51:42.663+05:30शरद भाई !
द्विवेदी जी ने मेरे दिल की बात कह दी , द...शरद भाई !<br />द्विवेदी जी ने मेरे दिल की बात कह दी , दिल दहलाने वाली घटना , जो भुगत रहे हैं इसकी तकलीफ वही महसूस कर पायेंगे ! इतनी गहराई तक जाने की सामर्थ्य के लिए शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-88010823476563490342010-06-18T23:19:34.543+05:302010-06-18T23:19:34.543+05:30Bhai sharad yaun utpeedan ke dhvnyarth ki sateek v...Bhai sharad yaun utpeedan ke dhvnyarth ki sateek vyanjana vakai marmsprshee hai. achछ्i rachna. Subhash Raihttps://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-63846018633233301312010-06-17T23:08:24.864+05:302010-06-17T23:08:24.864+05:30एक दिन जब उतरता हुआ ज्वार
देह की रेत पर निराशा का ...एक दिन जब उतरता हुआ ज्वार<br />देह की रेत पर निराशा का कीच छोड जाता है<br />सीप जडें धरौंदों के बह जाने के दुख में<br />जाती हुई लहर थामने की कोशिश करती है<br />अधेड़ होती हुई लडकियाँ<br />bahut hi badhiya lagi ye rachna .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-25908596719172476782010-06-17T13:26:36.779+05:302010-06-17T13:26:36.779+05:30गहरे भावों के साथ्ा सुन्दर शब्द रचना, आभार ।गहरे भावों के साथ्ा सुन्दर शब्द रचना, आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-57213445133031086002010-06-15T16:02:48.396+05:302010-06-15T16:02:48.396+05:30उनके अकेलेपन में सेंध लगाते है औरों के कहकहे जिनम...उनके अकेलेपन में सेंध लगाते है औरों के कहकहे जिनमें वे उपेक्षा के अघोषित स्वर सुनती हैइच्छाओं की अपार भीड मेंअपने लिए चुनती हैं एक अकेला कोना <br />एक हृदयविदार कटु सत्य,गज़ब की जादूगरी शब्दों से !!!!!!!!!!!!!वाह..रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-40587143464948528122010-06-14T21:27:45.156+05:302010-06-14T21:27:45.156+05:30शरद भाई…कई बार आया … चुपचाप पढ़ा इसे और लौट गया… ज...शरद भाई…कई बार आया … चुपचाप पढ़ा इसे और लौट गया… जैसे इसे छूने में डर लग रहा हो…समाज की एक इतनी भयावह विडंबना का इतना मर्मस्पर्शी और संबद्ध चित्रण और वह भी कविता के किसी भी तंतु को डिस्टर्ब किये बिना। कला अपने सबसे परिपूर्ण, श्रेष्ठ और प्रतिबद्ध रूप में… बधाईAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-75901244004116745092010-06-13T00:26:59.424+05:302010-06-13T00:26:59.424+05:30यथास्थिति के एक पहलू को प्रभावशाली कला-रूपों के सा...यथास्थिति के एक पहलू को प्रभावशाली कला-रूपों के साथ पेश करती एक यथार्थ रचना।<br /><br />यथास्थिति की अथाह काली सुरंगों के बीच, रौशनी की आंच पेश करना भी एक महती कार्य है। वैकल्पिक राह भी इसी यथार्थ की प्रस्तुति में से ही अपनी आभा बिखेरे, यह कला की मांग होती है। और इसे साधना कलाकार का मंतव्य।<br /><br />शुक्रिया।समयhttp://main-samay-hoon.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-71543912242175709092010-06-12T23:32:38.893+05:302010-06-12T23:32:38.893+05:30मर्मस्पशी !!!!!!!!!!!
बेजोड़ !!!!!!!!!!!!!
अद्भुत...मर्मस्पशी !!!!!!!!!!! <br />बेजोड़ !!!!!!!!!!!!!<br />अद्भुत !!!!!!!!!!!!!सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-60543005007627758002010-06-12T19:36:45.516+05:302010-06-12T19:36:45.516+05:30सूर्यकांत जी की बात से किसी हद तक सहमत हूँ...अब सम...सूर्यकांत जी की बात से किसी हद तक सहमत हूँ...अब समय बदल रहा है, पर फिर भी अधिकांश मामलों में आपकी ये कविता खरी उतरती है... विशेषकर वहाँ जहाँ अविवाहित होना मजबूरी हो न कि स्वेच्छा से लिया गया निर्णय... लडकियां शायद जी भी लें, पर समाज उलाहना दे देकर और कुरेद-कुरेदकर जीने नहीं देता...मैंने एक कविता लिखी थी इस विषय पर...<br />http://feministpoems.blogspot.com/2009/10/blog-post_06.html<br />लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि आप जब भी लिखते हैं उस दुःख को उस पीड़ा को गहराई से महसूस करके लिखते हैं और ये कविता भी बहुत हद तक उस संवेदना को दर्शाती है.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-26399750067147273452010-06-12T18:40:42.812+05:302010-06-12T18:40:42.812+05:30बहुत मार्मिक, बहुत अच्छी और गंभीर रचना। मैं अभी उस...बहुत मार्मिक, बहुत अच्छी और गंभीर रचना। मैं अभी उस सोच को सोच रहा हूँ - जो कितना पकी होगी तब ये सुगन्ध आई है!Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-54820286293110911912010-06-12T17:31:27.318+05:302010-06-12T17:31:27.318+05:30अधेड़ होती लड़कियां चिड़चिड़ी
और डिफ़ेंसिव होती जा...अधेड़ होती लड़कियां चिड़चिड़ी<br />और डिफ़ेंसिव होती जाती है...<br />उन्हें किसी भी बात पर सहमत होने से <br />अपना अस्त्तित्व ही ख़तरे में लगने लगता है..<br />उन्हे लगने लगता है कि हर पुरूष <br />केवल मतलबी ही हो सकता है..बस्स्सKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-79730932430604973432010-06-12T17:19:59.361+05:302010-06-12T17:19:59.361+05:30अभिव्यक्ति के मामले मे टिप्पणी के लिये शब्द ढूढने ...अभिव्यक्ति के मामले मे टिप्पणी के लिये शब्द ढूढने पडेन्गे। जिस विषय पर आपकी यह कविता लिखी गई है उसके बारे मे मेरा विचार है कि आज का युग धीरे धीरे बदल रहा है। माता पिता भी बच्चों की पसन्द नापसन्द पर एक मर्तबा विचार करने पर राजी हो रहे हैं बशर्ते दोनो तरफ के घर परिवार, आचार विचार और लड़के और लड़की दोनो की आदतों के बारे मे वाक़िफ़ हो जायें । शरद भैया, आपके द्वारा लेखन इत्यादि की कार्यशाला वाली पोस्ट या कहें लिन्क कहाँ है?सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-2350668659634391622010-06-12T16:46:05.654+05:302010-06-12T16:46:05.654+05:30संवेदनशील रचना,अद्भुत अभिव्यक्ति!संवेदनशील रचना,अद्भुत अभिव्यक्ति!रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-9479352643339550322010-06-12T14:39:18.930+05:302010-06-12T14:39:18.930+05:30बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक रचना है, दिल कि गहराइ...बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक रचना है, दिल कि गहराइयों में उतरती हुई सी, वेदना कि बेहतरीन अभिव्यक्ति!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-11139253433372797472010-06-12T13:57:20.432+05:302010-06-12T13:57:20.432+05:30शरद कोकास जी,
अभिवादन।
सुबह सुबह आपकी कविता पढ़ कर ...शरद कोकास जी,<br />अभिवादन।<br />सुबह सुबह आपकी कविता पढ़ कर मैं सन्न रह गया। पहले सोचा की कहीं किसी और की कविता आपने अपने पोस्ट पर तो नहीं लिख दी है, मगर नहीं यह तो आपने ही लिखा है, अब हैराण हूँ की अब तक मैंने इसे जाना क्यों नहीं।<br />आपकी कविता और प्रकाशित तस्वीर दोनों ही दिल को छूने वाले हें।<br />बस येही कहूँगा की अपनी रचना से इतने सारे हिंदी पढने वालों का दिल छूने के लिए बधाई और धन्यवाद.Raravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-24856229975140881972010-06-12T13:55:23.076+05:302010-06-12T13:55:23.076+05:30मर्मस्पर्शी कविता है.मर्मस्पर्शी कविता है.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-78847710393525951012010-06-12T09:14:28.160+05:302010-06-12T09:14:28.160+05:30shara ji koti koti naman aapki lekhni ko aur me vi...shara ji koti koti naman aapki lekhni ko aur me vismit hu itni acchhi rachna padh kar. koi kona bhi to nahi chhoda he aapne ek ladki ke bhaavo ka. kon se stenza chun kar kahu ki ye sabse umda hai....balki me to kahungi..ek ek shabd umda hai...bahut bahut bahut acchhi lagi aapki ye rachna her chhote se chhote bhaav ko ukerti ye rachna.<br />aabhar apka jo aaj me aapki ye rachna padh payi.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-29524823940007505832010-06-12T09:04:31.482+05:302010-06-12T09:04:31.482+05:30शरद जी लाज़वाब......भावपूर्ण कविता..शरद जी लाज़वाब......भावपूर्ण कविता..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-4405730342024670372010-06-12T08:50:27.160+05:302010-06-12T08:50:27.160+05:30प्रभावपूर्ण रचना !प्रभावपूर्ण रचना !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-24850780271896026492010-06-12T06:36:25.986+05:302010-06-12T06:36:25.986+05:30जबरदस्त!!!
अद्भुत रचना...जबरदस्त!!!<br /><br /><br />अद्भुत रचना...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com