tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post1571540780161455453..comments2023-10-29T18:17:34.870+05:30Comments on शको कोश : सुविधा के दिनों में गर्दिश के दिनों की याद पैदा करती है रूमानियतशरद कोकासhttp://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-6243107901146357342009-11-23T15:00:17.428+05:302009-11-23T15:00:17.428+05:30बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत ही सुंदर रूप से आपने...बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत ही सुंदर रूप से आपने प्रस्तुत किया है जीवन यात्रा और रेल यात्रा का अच्छा सम्बन्ध बतलाते हुए! बहुत अच्छा लगा आपका ये शानदार पोस्ट!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-79047645156548282612009-11-23T10:27:10.757+05:302009-11-23T10:27:10.757+05:30याद आती हैं
फुटबोर्ड पर लटक कर
सही जगह की तलाश में...याद आती हैं<br />फुटबोर्ड पर लटक कर<br />सही जगह की तलाश में <br />की गई यात्राएँ ।<br /><br />बहुत ही सही एवं सत्यता को प्रकट करती आपकी यह रचना अनुपम प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-17155346440116270102009-11-22T10:05:50.771+05:302009-11-22T10:05:50.771+05:30सुन्दर बात। ट्रेन यात्रा के बाद आगे की पोस्ट में ख...सुन्दर बात। ट्रेन यात्रा के बाद आगे की पोस्ट में खानाबदोश हो लिये। जय हो।अनूप् शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-50667629029701874922009-11-21T20:17:53.969+05:302009-11-21T20:17:53.969+05:30दुख मे सुख और सुख मे दुख के क्षण याद आते हैं । यही...दुख मे सुख और सुख मे दुख के क्षण याद आते हैं । यही रुमानियत ज़िन्दगी है बहुत बडिया बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-32843473506629702972009-11-21T11:44:59.449+05:302009-11-21T11:44:59.449+05:30उसी तरह जैसे
सुविधाओं से युक्त जीवन में
गर्दिश के ...उसी तरह जैसे<br />सुविधाओं से युक्त जीवन में<br />गर्दिश के दिनों की याद <br />पैदा करती है रूमानियत ।<br /><br />yahi nishkarsh hai...सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-60554250805903497022009-11-21T09:07:59.378+05:302009-11-21T09:07:59.378+05:30आरक्षित बर्थ पर लेटे हुए
याद आती हैं
फुटबोर्ड पर...आरक्षित बर्थ पर लेटे हुए<br /><br />याद आती हैं<br /><br />फुटबोर्ड पर लटक कर<br /><br />सही जगह की तलाश में <br /><br />की गई यात्राएँ<br /><br /><br /><br /><br /><br />उसी तरह जैसे<br /><br />सुविधाओं से युक्त जीवन में<br /><br />गर्दिश के दिनों की याद <br /><br />पैदा करती है रूमानियत ।<br /><br />बहुत खूब, कोकाश साहब !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-64846395946549072532009-11-21T07:44:55.043+05:302009-11-21T07:44:55.043+05:30शरद में हमें पतझड़ की याद आती है ...पतझड़ में वसंत क...शरद में हमें पतझड़ की याद आती है ...पतझड़ में वसंत की ..किसी कवि की पंक्तियाँ है ...बहुत कुछ ऐसा ही हमारा जीवन भी ...<br />अभी सर्दियाँ शुरू हुई ही है की बच्चों का शोर शुरू हो गया ...गर्मियां ही अच्छी थी ... मैंने याद दिलाया की पूरी गर्मियां तुम सर्दियों को याद कर रहे थे ...क्या अच्छा नहीं की हम सर्दी में सर्दी का और गर्मी में गर्मी का पूरा लुत्फ़ उठायें ...<br />सुविधा में सुविधा का ...मगर गर्दिश को याद करते हुए ...<br />हमें तो इस दार्शनिकता में भी रूमानियत ही नजर आ रही है ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-84788605398201742262009-11-21T01:22:04.822+05:302009-11-21T01:22:04.822+05:30रेल की यात्रा हमेशा रोंमांचित करती आयी है मुझे । स...रेल की यात्रा हमेशा रोंमांचित करती आयी है मुझे । सुन्दर पोस्ट……Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-74093960861178587602009-11-20T23:27:02.345+05:302009-11-20T23:27:02.345+05:30rail yatra aur jeevan yatra me smanta samnjsy kh...rail yatra aur jeevan yatra me smanta samnjsy khojti achhi rachna .शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-39359468950652542342009-11-20T23:13:12.197+05:302009-11-20T23:13:12.197+05:30उसी तरह जैसे
सुविधाओं से युक्त जीवन में
गर्दिश के ...उसी तरह जैसे<br />सुविधाओं से युक्त जीवन में<br />गर्दिश के दिनों की याद <br />पैदा करती है रूमानियत ।<br />बहुत सच्ची बात. दुखों के बाद ही तो सुख की पहचान होती है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-88818091214627187372009-11-20T22:59:28.114+05:302009-11-20T22:59:28.114+05:30इक मुसाफिर के सफर जैसी है सबकी दुनिया
कोई फुटबोर्ड...इक मुसाफिर के सफर जैसी है सबकी दुनिया<br />कोई फुटबोर्ड पर कोई आरक्षित बर्थ पर जाने वाला।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-4931075631122681672009-11-20T22:35:44.096+05:302009-11-20T22:35:44.096+05:30कविता अच्छी हो, एक बात तो है ही पर आपकी भूमिकाएं भ...कविता अच्छी हो, एक बात तो है ही पर आपकी भूमिकाएं भी बेहद अर्थवत्ता लिए रहती हैं..प्राम्भ से सटीक कलेवर रचते हुए ठीक समय पर चोट करती है..जहाँ लगना होता है लग जाती है, जहाँ छूना होता है छू लेती हैं....Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-78083568532863388222009-11-20T22:34:10.912+05:302009-11-20T22:34:10.912+05:30रूमानियत वाली आपकी बात बहुत सही है..जिन बातों का अ...रूमानियत वाली आपकी बात बहुत सही है..जिन बातों का अंत अच्छा और हमारे वर्तमान मे उथल-पुथल पैदा करने वाला नही होता है वो यादें अक्सर रूमानियत ही पैदा करती हैं..दिसम्बर की गुनगुनी धूप मे ज्येष्ट की जलती दोपहर की याद की तरह..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-5961632109111243352009-11-20T22:06:42.738+05:302009-11-20T22:06:42.738+05:30फुटबोर्ड पर लटककर
यात्...फुटबोर्ड पर लटककर <br />यात्रा करते हुए <br />याद आती हैं <br />सुविधाजनक स्थान पर बैठकर<br />की गई यात्राएँ।।<br /><br />बिल्कुल सही कहा आपने, जब कभी हम बुरे दिंन में होते है तो बिताये गये अच्छे दिंन खूद ब खूद याद आ जाते हैं ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-4804987355687118412009-11-20T21:39:19.950+05:302009-11-20T21:39:19.950+05:30सुविधाओं से युक्त जीवन में
गर्दिश के दिनों की याद ...सुविधाओं से युक्त जीवन में<br />गर्दिश के दिनों की याद <br />पैदा करती है रूमानियत ।<br />बहुत खूबसूरत -- निहायत खूबसूरत रचना <br />रूमानियत को नया आयामM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-84441562974823509922009-11-20T21:06:52.226+05:302009-11-20T21:06:52.226+05:30वाकई !
गर्दिश वाले दिन न होते तो शायद
सुखों का एह...वाकई !<br />गर्दिश वाले दिन न होते तो शायद <br />सुखों का एहसास इतना न हुआ होता<br />--रेल घर से जीवन की सच्चाई ढूँढ लिया आपने !देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-61729077031493189822009-11-20T21:06:10.279+05:302009-11-20T21:06:10.279+05:30दो विपरीत स्थितियों में ...
गोया ; पतझर में बसंत क...दो विपरीत स्थितियों में ...<br />गोया ; पतझर में बसंत की याद ...<br />और इसका ठीक उलट भी ...<br /> सुन्दर ... ...Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-13454679578454464002009-11-20T20:41:54.578+05:302009-11-20T20:41:54.578+05:30जीवन यात्रा और रेल यात्रा का अच्छा सम्बन्ध स्थापित...जीवन यात्रा और रेल यात्रा का अच्छा सम्बन्ध स्थापित किया है आपने।<br />कहते हैं, दूर की घास हमेशा ज्यादा हरी दिखाई देती है।<br />हम जो पा लेते हैं, उससे संतुष्ट नही होते। फ़िर और पाने की चाह में भटकने लगते हैं।<br />वैसे कभी कभी ज्यादा आराम भी बोर कर देता है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-46646966385175274612009-11-20T20:12:33.113+05:302009-11-20T20:12:33.113+05:30कविता बहुत सुंदर लिखी आप ने, बाकी हमारा स्टॆशन जब ...कविता बहुत सुंदर लिखी आप ने, बाकी हमारा स्टॆशन जब आया हम उतर जायेगे, नही तो उतार दिये जायेगे, लेकिन हम ने कभी नही किसी से पुछा भाई अभी कितनी दुर है हमारा स्टॆशन, अजी यात्रा के मजे लो...... जब आयेगा तभी तो उतरना है पहले ही क्यो मस्ती खराब करे.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-47525337652891860982009-11-20T19:43:37.626+05:302009-11-20T19:43:37.626+05:30पता नहीं क्यूं इस कविता में मज़ा नहीं आया।
इसमे विस...पता नहीं क्यूं इस कविता में मज़ा नहीं आया।<br />इसमे विस्तार की संभावना थी पर लगा बहुत जल्दीबाजी में आपने समेट दियाAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.com