tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post2617806063637745463..comments2023-10-29T18:17:34.870+05:30Comments on शको कोश : हम कभी बूढ़े नहीं होंगे... ?शरद कोकासhttp://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-78501451479985265032009-09-25T11:06:54.642+05:302009-09-25T11:06:54.642+05:30संवेदना और एहसास से भरा होता है बुढ़ापा..जहाँ बस ब...संवेदना और एहसास से भरा होता है बुढ़ापा..जहाँ बस बीते पल की यादें साथ रहती है..<br />बहुत बढ़िया भाव से प्रस्तुत किया आपने...बधाई..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-47746425997185175212009-09-25T10:44:40.275+05:302009-09-25T10:44:40.275+05:30लीजिये इस समस्या का भी समाधान आने वाला है. बस २० स...लीजिये इस समस्या का भी समाधान आने वाला है. बस २० साल और किसी तरह जवानी को बरकरार रखिये, फिर एक ऐसा इंजेक्सन आने वाला है जो आपको अमर कर देगा और आप हमेशा जवान बने रहेंगे.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-49517508855611585672009-09-25T06:13:37.704+05:302009-09-25T06:13:37.704+05:30चश्मे का फ्रेम बना था उन्नीस सौ चवालीस में
तब फ्र...चश्मे का फ्रेम बना था उन्नीस सौ चवालीस में <br />तब फ्रेम टिकाऊ मगर कम खूबसूरत होते थे <br />वेरायटी का तो सवाल ही नहीं था <br />यही खयाल बूढ़ी का प्रेम के विषय में भी है । <br />kitana sahee khayal, bahut sunder.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-13249481609309524782009-09-25T06:02:51.336+05:302009-09-25T06:02:51.336+05:30मुझे तो इस बात पर आश्चर्य लग रहा है आखिर मुझ पर ऐस...मुझे तो इस बात पर आश्चर्य लग रहा है आखिर मुझ पर ऐसा घिनौना इल्ज़ाम क्यूँ लगाया गया? मैं भला अपना नाम बदलकर किसी और नाम से क्यूँ टिपण्णी देने लगूं? खैर जब मैंने कुछ ग़लत किया ही नहीं तो फिर इस बारे में और बात न ही करूँ तो बेहतर है! आप लोगों का प्यार, विश्वास और आशीर्वाद सदा बना रहे यही चाहती हूँ! <br />सच्चाई को बयान करते हुई आपने बहुत ही सुंदर रचना लिखा है! आखिर सभी एक न एक दिन बूढे ज़रूर होंगे पर सभी सोचते हैं कि ज़िन्दगी भर वो जवान ही रहेंगे! लोग कोशिश भी करते हैं कि अपनी जवानी बरक़रार रहे पर उम्र छिपाया नहीं जा सकता!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-47233681614880056862009-09-25T05:06:04.417+05:302009-09-25T05:06:04.417+05:30सच को सच की तरह स्वीकारना ही होगा ।
आभार ।सच को सच की तरह स्वीकारना ही होगा ।<br />आभार ।हेमन्त कुमारhttps://www.blogger.com/profile/01073521507300690135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-72551065557981798972009-09-25T04:42:28.315+05:302009-09-25T04:42:28.315+05:30बूढे तो बूढे है ही पर उनका क्या करे जो वक्त से पहल...बूढे तो बूढे है ही पर उनका क्या करे जो वक्त से पहले ही एहसास से बूढे हो चुके है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-10499962178308950252009-09-25T01:58:01.512+05:302009-09-25T01:58:01.512+05:30बुड्ढा तो होना ही पड़ेगा. पर यह बात जब तक खुद नहीं ...बुड्ढा तो होना ही पड़ेगा. पर यह बात जब तक खुद नहीं हो जाते समझ में कहाँ आती है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-56854800023343586092009-09-25T00:54:05.793+05:302009-09-25T00:54:05.793+05:30कई साल पहले दैनिक हिन्दुस्स्तान, दिल्ली कि आवरण कथ...कई साल पहले दैनिक हिन्दुस्स्तान, दिल्ली कि आवरण कथा मेरी ही थी- ये घर हुआ बेगाना. आज मैंने वृद्धो पर गीत लिखा और आप के ब्लॉग में भी वृद्ध स्त्री पर मार्मिक कविता देखी. अच्छा लगा. हमें ऐसे रचनात्मक प्रयास करते रहना है. वातावरण बनता है यही हमारा काम है. कर्त्तव्य है. प्रस्तुत है मेरी भी एक कविता, आप प्रतिक्रया में ज़रूर ले लें, लेकिन बाद के लिए इसे अलग से सहेज कर रख ले. ये कविता है. मै इसे अपने ब्लॉग में कुछ दिन बाद दूंगा ही. कविता पेश है, कि<br />......बूढी आँखों पर चढा चश्मा / केवल चश्मा नहीं होता / वह एक स्केनर होता है / जो बता देता है , की / उसकी संतान इन आखो के पीछे छिपी आंसुओ की नदी को / देख पाती है या नहीं / झुर्रीदार चेहरे पर लटकता हुआ चश्मा / यह भी बता देता है कि संतानें कितनी लायक या नालायक है / चश्मा सिर्फ चश्मा नहीं होता/ थकी-उदास आँखों का एक घोषणापत्र भी होता है / जो अहसानफरामोशी कि इबारतों को / चुपचाप लिखता रहता है... चश्मा ...बूढी आँखों पर चढा चश्मा....<br /> गिरीश पंकजgirish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-7389430968465187042009-09-24T23:23:17.366+05:302009-09-24T23:23:17.366+05:30पीढी दर पीढी ये दर्द चलता रहता है ,वंशानुगत बीमा...पीढी दर पीढी ये दर्द चलता रहता है ,वंशानुगत बीमारी कि तरह |<br />बहुत अच्छी कविता |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-15510990061568288782009-09-24T22:45:04.541+05:302009-09-24T22:45:04.541+05:30बहुत सुंदर कविता, बुढो का दर्द...बहुत सुंदर कविता, बुढो का दर्द...राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8257485340998190162.post-91952135783539830622009-09-24T20:28:58.188+05:302009-09-24T20:28:58.188+05:30ब्रद्धावस्था वाबत आपका आलेख पढ़ा ,सही भी है बूढों स...ब्रद्धावस्था वाबत आपका आलेख पढ़ा ,सही भी है बूढों से बात करना कोई पसंद नहीं करता |चश्मे के कांच नमक कविता भी पढी और चित्र भी देखा ,सवितासिंह कीकविता नहीं पढ़ पायाBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.com